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2 1 8 2 7 7भारतीय तीरंदाजी महिला टीम कोच पूर्णिमा महतो को पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा जाएगा। इस घोषणा के बाद पूर्णिमा महतो बेहद खुश है और यह अपने दिवंगत माता-पिता को समर्पित करने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि बिरसानगर जैसे एक छोटे स्थान से हमने तीरंदाजी की शुरुआत की और साइकिल से सवेरे 5:00 बजे मैदान में पहुंचकर तीरंदाजी का अभ्यास करती रही। फिर टाटा स्टील के सामुदायिक विकास विभाग का सहयोग मिला और मात्र 18 वर्ष की आयु में मुझे टाटा स्टील में नौकरी मिल गई।
द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित पूर्णिमा महतो का कहना है कि जो लक्ष्य आपने रखा है, उस पर अपना ध्यान हमेशा केंद्रित रखिए। सफलता और असफलता एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। असफलता पर निराश ना होकर लगातार अभ्यास करते रहिए।
उन्होंने प्रधानमंत्री जी के बारे कहा कि जब से खेलो इंडिया की उन्होंने शुरुआत की, तब से खेल के क्षेत्र में काफी सफलता मिली है। यहां तक की सभी क्षेत्र में खिलाड़ी अब पदक ला रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज महिला सशक्तिकरण की जो बात हो रही है, वह हर क्षेत्र में दिखाई पड़ रही है। इसके पीछे सभी का सहयोग है।
उन्होंने कहा कि टाटा स्टील के साथ ही मुझे अपने ससुराल वालों का भी पूरा सहयोग समर्थन मिला है। पति मेरीन इंजीनियर है और एक बेटा इलेवंथ में है और एक बेटी 3 क्लास में है।उसकी पढ़ाई - लिखाई और देखरेख का पूरा भार मेरे सास ससुर और परिवार के सदस्य करते हैं। मैं ज्यादा टीम के साथ बाहर रहती हूं।
उन्होंने कहा कि आज 26 जनवरी है। छुट्टी का दिन था, लेकिन हमने प्रेक्टिस को रोका नहीं।आज भी आप देख सकते हैं कि बच्चे तीरंदाजी का अभ्यास कर रहे हैं। आगे उन्होंने कहा कि अपना कार्य पूरी ईमानदारी और मेहनत से करते रहने से सफलता अवश्य मिलेगी। कभी भी असफलता से आप निराश ना हो।
समाधान न्यूज़
जमशेदपुर / झारखण्ड...✍️
Posted On:- 27-Jan-2024